✅ प्रमुख नदियां एवं उनकी सहायक नदियां / भारत के प्रमुख नदियों के बारे में हिंदी में

 ✅ प्रमुख नदियां एवं उनकी सहायक नदियां


❀【गंगा】

1. गोमती 2. घाघरा 3. गंडक 4. कोसी 5. यमुना 6. सोन 7. रामगन्गा


❀【यमुना】

1. चंबल 2. सिंध 3. बेतवा 4. केन 5. टोंस 6. हिन्डन


❀【गोदावरी】

1. इंद्रावती 2. मंजिरा 3. बिन्दुसार 4. सरबरी 5. पेनगंगा 6.प्राणहिता


❀【कृष्णा】

1. तुंगभद्रा 2. घटप्रभा 3. मालाप्रभा 4. भीम 5. वेदावती 6. कोयना


❀【कावेरी】

1. काबिनी 2. हेमावती 3.सिम्शा 4. अर्कावती 5. भवानी


❀【नर्मदा】

1. अमरावती 2. भुखी 3. तवा 4. बंगेर


❀【सिंधु】

1. सतलुज 2. द्रास 3. जांस्कर 4. श्योक 5.गिल्गिट 6. सुरु


❀【ब्रह्मपुत्र】

1. दिबांग 2. लोहित 3. जिया भोरेली (कामेंग) 4. दिखौव 5. सुबानसिरी मानस


❀【दामोदर】

1. बराकर 2. कोनार


❀【रवि】

1. बुधिल 2. नई या धोना 3. सिउल 4. ऊझ


❀【महानंदी】

1. सिवनाथ 2. हसदेव 3. जोंक 4. मंड 5. इब 6. ओंग 7. तेल


❀【चम्बल】

1. बानस 2. कालि सिंध 3. शीप्रा 4. पार्बती 5. मेज

भारत की प्रमुख नदियाँ दो मुख्य वर्गों में विभाजित की जा सकती हैं। पहला हिमालयी अपवाह तंत्र है जिसमें नदियों का उद्गम स्थल सुदूर हिमालय की चोटियों में स्थित होता है। इसमें गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सुतलुज, कालीनाडी, गोमती, रामगंगा, कोसी, सरयू, घाघरा, कलिंगनाडी, बेस्टर, जेहलम, पर्वती, चेनाब, रावी, सिंधु, सतलुज, महाकाली आदि हैं।

दूसरा प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र है। इसमें महानदी, कृष्णा, कावेरी, पेरियार, पंचगंगा, सोन, मही, सुक्ति, सिंधु (पंजाब), सोनहत्ति (हरियाणा), महन्दी (मप्र), प्रेमप्रहर (मप्र), महान (महाराष्ट्र), सेंधुर (महाराष्ट्र), प्रन्हित (महाराष्ट्र), कोलर (कर्नाटक), पेन्ने (तमिलनाडु) आदि हैं।1

भारत के प्रमुख नदियों के बारे में हिंदी में

भारत के प्रमुख नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी शामिल हैं। इन नदियों का भारत के भौगोलिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।

गंगा भारत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी है, जो हिमालय से उत्पन्न होकर 2525 किलोमीटर की लंबाई में समुद्र में मिलती है। गंगा का प्रदूषण कम करने के लिए 1986 में 'नमामि गंगे' परियोजना की शुरुआत हुई है।

यमुना गंगा की सहायक नदी है, जो हिमाचल प्रदेश के यमुनोत्री से प्रकट होकर 1376 किलोमीटर की लंबाई में प्रयागराज में गंगा से मिलती है। यमुना पर 'ताजमहल' स्थित है, जो संसार के सात अजूबों में से एक है।

भारत के प्रमुख नदियों के बारे में हिंदी में

नदियाँ पृथ्वी की जीवनरेखा हैं। नदियों का महत्व जल, सिंचाई, बिजली, पर्यटन, परिवहन, संस्कृति और धर्म के क्षेत्रों में है। भारत में अनेक नदियाँ बहती हैं, जो हिमालय से, प्रायद्वीपीय भारत से, तटीय क्षेत्रों से और अन्य स्रोतों से उत्पन्न होती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नदियों के बारे में हम इस लेख में पढ़ेंगे।

1. गंगा: गंगा हिमालय की गंगोत्री से निकलकर 2525 किमी की लम्बाई में बंगाल की खाड़ी में मिलती है। गंगा को हिन्दुओं का सर्वोपरि पुन्यक्षेत्र माना जाता है। गंगा की सहायक नदियाँ हैं- यमुना, सोन, कोसी, घाघरा, सरस्वती, रामगंगा, काली, महानन्दा, हुघली, पद्मा, मेघना, ब्रह्मपुत्र (प्रमुख)।

2. सिंधु: सिंधु हिमालय के कैलाश पर्वत से 4,164 मी. की ऊंचाई पर से 3,180 किमी. की लम्बाई में पाकिस्तान में कराची के पूर्व में अरब सागर में मिलती है। सिंधु को प्राचीनकाल में 'सप्तसिन्धु' (सात सिंधु) कहा जाता था। सिंधु की सहायक नदियाँ हैं- सतलुज, रावी, चेनाब, झेलम, बिआस (प्रमुख)।

3. कृष्णा: कृष्णा प्रायद्वीपीय (पेनिनसुलर) प्रमुख नदी है, जो 1,400 किमी. की लम्बाई में महाराष्ट्र के सह्याद्रि पर्वतों (महाबलेश्‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍्‌्) से 1,300 मी. के 1,300 मी. (प्रमुक) 1,300 मी. (प्रमुक) 1,300 मी. (प्रमुक) 1,300 मी. (प्रमुक) 1,300 मी. (प्रमुक) 1,300 मी. (प्रमुक) 1,300 म

भारत के प्रमुख नदियों के बारे में हिंदी में

भारत के प्रमुख नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी शामिल हैं। ये नदियां भारत की सिंचाई, पर्यटन, परिवहन, ऊर्जा उत्पादन, मत्स्य पालन और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं।

- गंगा: गंगा भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदी है। यह हिमालय के गंगोत्री से निकलकर 2525 किलोमीटर की लम्बाई में समुद्र में मिलती है। यह पूर्वी प्रयागराज से पूर्व में पडोसी बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले हुगली (पश्चिम) और पडमा (पूर्व) में बंटती है।
- यमुना: यमुना गंगा की सबसे महत्वपूर्ण सहायक है। यह हिमालय के यमुनोत्री से निकलकर 1376 किलोमीटर की लम्बाई में प्रयागराज में गंगा से मिलती है।
- ब्रह्मपुत्र: ब्रह्मपुत्र हिमालय के मंसरोवर से निकलकर 2900 किलोमीटर की लम्बाई में समुद्र में मिलती है। यह पहले चीन (तिब्बत) में संकोस (तसं) के नाम से, फिर म्यानमार (पूर्वोत्तर) में सिअं (लोहित) के नाम से, jani jati hai.

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